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2024 में Bhai Dooj कब है | जानें तिलक लगाने का मुहूर्त और सही तरीका:
भाई दूज, के बारे में जानें तिलक लगाने का सही तरीका और शुभ मुहूर्त और तिथि और समय''
"भाई दूज का महत्व और तिथि"
भाई दूज के पर्व पर तिलक लगाने का खास महत्त्व है। यह भाई-बहन के बीच के स्नेह और प्रेम को दर्शाने का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है। तिलक के समय और विधि के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है ताकि सही तरीके से इस शुभ कार्य को किया जा सके।
"तिलक लगाने का मुहूर्त और सही तरीका"
(1) ''तिथि और समय''
- भाई दूज का तिलक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को किया जाता है। 2024 में भाई दूज 3 नवंबर को मनाई जाएगी।
- तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त प्रातः 1:12 बजे से 3:27 बजे तक रहेगा।
(2) " सामग्री।
- तिलक लगाने के लिए कुमकुम, अक्षत (चावल), रोली, और दीपक की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही भाई को मिठाई खिलाने के लिए मिठाई और नारियल की भी व्यवस्था करें।
(3) "तिलक की विधि।
''पहले भाई को आसन पर बिठाएं और एक साफ़ कपड़ा उसके सिर पर रखें।
''फिर रोली और कुमकुम से तिलक करें। तिलक के बाद अक्षत लगाएं।
''दीपक जलाकर आरती उतारें और भाई के सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
''अंत में भाई को मिठाई खिलाएं और नारियल दें।
(4) ''विशेष ध्यान।
''तिलक करते समय भाई के माथे पर बीच में तिलक लगाना चाहिए, जिससे उसकी लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना हो।
''तिलक लगाने के बाद भाई को मिठाई और उपहार देकर आशीर्वाद दें।
भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। सही मुहूर्त और विधि से तिलक करने से इस पर्व का शुभ प्रभाव और भी अधिक होता है।
भाई दूज एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है, जो भाई-बहन के प्यार और सुरक्षा के बंधन को और मजबूत बनाने के लिए मनाया जाता है। यह दीपावली के पांचवें दिन मनाया जाता है और भाई-बहन के रिश्ते को सम्मानित करता है।
(2) "भाई दूज की तिथि!
भाई दूज का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, 2024 में भाई दूज 1 नवंबर को मनाया जाएगा। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और उनके बीच के स्नेह को दर्शाता है।
(3) "भाई दूज का धार्मिक महत्व!
भाई दूज का पर्व यह दर्शाता है कि भाई और बहन के बीच का रिश्ता कितना महत्वपूर्ण और पवित्र होता है। यह पर्व बहनों के लिए अपने भाइयों की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करने का एक अवसर प्रदान करता है।
(4) "भाई दूज की पौराणिक कथा!
भाई दूज के पर्व से जुड़ी एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा है जिसमें यमराज, जो मृत्यु के देवता हैं, अपनी बहन यमुनाजी से मिलने गए थे। यमुनाजी ने उन्हें सप्रेम भोजन कराया और तब से यह परंपरा चली आ रही है कि भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
(5) "भाई दूज का आयोजन!
इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी आरती करती हैं और मिठाई खिलाती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं। यह पर्व पूरे परिवार के साथ मिलकर मनाया जाता है।
(6) "भाई दूज और रक्षा बंधन!
भाई दूज और रक्षा बंधन दोनों ही त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए मनाए जाते हैं। जहां रक्षा बंधन में बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, वहीं भाई दूज में तिलक लगाकर भाइयों की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना की जाती है।
(7) "यमराज और यमुनाजी की कथा!
कथा के अनुसार, यमराज ने यमुनाजी को वचन दिया था कि जो भाई इस दिन अपनी बहन के घर जाएगा और बहन के हाथों से तिलक करवाएगा, उसे मृत्यु का भय नहीं होगा। इस कारण भाई दूज का विशेष महत्व है।
(8) "भाई दूज का आध्यात्मिक संदेश!
भाई दूज हमें यह संदेश देता है कि भाई-बहन का रिश्ता जीवन के हर मोड़ पर महत्वपूर्ण होता है। यह त्योहार उनके बीच के बंधन को और मजबूत बनाता है और जीवन भर साथ निभाने का वचन देता है।
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(9) "भाई दूज के विभिन्न रूप!
भारत के विभिन्न हिस्सों में भाई दूज को अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। इसे पश्चिम बंगाल में 'भाई फोटा' और महाराष्ट्र में 'भाऊ बीज' के नाम से जाना जाता है, लेकिन इसका उद्देश्य और महत्व एक ही होता है।
(10) "भाई दूज की तैयारी!
इस दिन की तैयारी में बहनें विशेष पकवान बनाती हैं और भाइयों के स्वागत के लिए अपने घर को सजाती हैं। इस दिन का हर एक क्षण भाई-बहन के स्नेह और ममता से भरा होता है।
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(11) "उपहार और आशीर्वाद!
भाई दूज के दिन भाइयों को उनकी बहनों से आशीर्वाद मिलता है और इसके बदले वे अपनी बहनों को उपहार देते हैं। यह परंपरा भाई-बहन के रिश्ते में मिठास और प्यार बढ़ाती है।
(12) "भाई दूज का आधुनिक महत्व!
आज के समय में भी भाई दूज का महत्व उतना ही है जितना पहले था। यह पर्व हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर और पारिवारिक मूल्यों की याद दिलाता है और उन्हें संजोने का अवसर प्रदान करता है।
(13) "परिवार की एकता!
भाई दूज का त्योहार परिवार की एकता और सहयोग का प्रतीक है। इस दिन परिवार के सभी सदस्य एक साथ आते हैं और मिलकर इस पर्व का आनंद लेते हैं। यह भी पढ़ें, इसे पढ़ने के लिए क्लिक करें, रक्षा बंधन कब है, | When is Raksha Bandhan : Shayari for sisters on Raksha Bandhan.
(14) "भाई दूज के अनुष्ठान!
भाई दूज के दिन बहनें विधिवत पूजा करती हैं और अपने भाइयों के दीर्घायु होने की कामना करती हैं। इस दिन का हर अनुष्ठान भाई-बहन के बीच के पवित्र बंधन को और भी मजबूत बनाता है। यह भी पढ़ें, इसे पढ़ने के लिए क्लिक करें, Latest New Update 2024 Raksha Bandhan For Sister Shayari In Hindi Text | New Update 2024 रक्षाबंधन बहन के लिए शायरी हिंदी में''
(15) "भाई दूज का समापन!
भाई दूज का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और सम्मान का प्रतीक है। यह त्योहार न केवल परिवार के सदस्यों को एक साथ लाता है बल्कि भाई-बहन के रिश्ते को भी और मजबूत करता है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि परिवार और रिश्तों का महत्व हमारे जीवन में कितना अधिक है।
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